दूसरों की मदद करना भगवान का काम है
दूसरों की मदद करना भगवान का काम है हर आदमी को अपने भीतर दूसरों की मदद करने की भावना रखना चाहिए, क्योंकि दूसरों की मदद करना बहुत संतोषजनक है, और किसी की मदद करने से, भगवान भी बहुत प्रसन्न हैं।
बहुत सारे तरीके हैं जिसके द्वारा हम दूसरों की मदद कर सकते हैं जैसे कि :-
(1) हम भूखे लोगों को खाद्य पदार्थ देकर उनकी भूख को शांत कर सकते है।
(२) गरीब बच्चो को पुरानी पुस्तके देकर उनको पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते है।
(३)अपने जन्म दिवस और शादी की सालगिरह पर गरीब लोगो को मिठाईया और उपहार देकर उनको भी अपनी ख़ुशी में शामिल कर सकते है।
(४)अपने पुराने कपड़ो को किसी जरूरतमंद इंसान को देकर उसके सम्मान की रक्षा कर सकते है।
(५) जब कोई गरीब आपसे पैसा मांगे तो कोशिश करें की उसको पैसा न दे बल्कि उसको कुछ खाने की चीज़ दे जिससे उसकी भूख शांत हो जाए।
(६) मदद हर उस इंसान की की जा सकती है जिसे हमारी सहायता की आवश्यकता है। किसी की मदद करते वक़्त उसके धर्म को नहीं देखना चाहिए।
इसी प्रकार से और भी हज़ारो तरीके होते है किसी की मदद करने के। सनातन धर्म के साथ-साथ विश्व के हर धार्मिक ग्रन्थ में ये बात साफ़ लिखी है की ईश्वर को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम माध्यम है दूसरो की सेवा करना। हर प्राणी में ईश्वर का निवास मानकर उसकी यथासंभव मदद करनी चाहिए।
दूसरो की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं ,दूसरो की बुराई करने से बड़ा कोई पाप नहीं।अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए क्योकि जहा सकरात्मक ऊर्जा का निवास होता है वही पर ईश्वर का निवास माना जाता है। जब हम किसी की मदद कर रहे होते है तब हमें ये सोचना चाहिए की भगवान् हमसे बहुत खुश है जो उसने हमें किसी की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है।
यदि हम इस प्रकार से अपने जीवन को जीते है तो हम अपनी आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हो सकते है।
Image Credit Goes To Wikimedia Commons |
(1) हम भूखे लोगों को खाद्य पदार्थ देकर उनकी भूख को शांत कर सकते है।
(२) गरीब बच्चो को पुरानी पुस्तके देकर उनको पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते है।
(३)अपने जन्म दिवस और शादी की सालगिरह पर गरीब लोगो को मिठाईया और उपहार देकर उनको भी अपनी ख़ुशी में शामिल कर सकते है।
(४)अपने पुराने कपड़ो को किसी जरूरतमंद इंसान को देकर उसके सम्मान की रक्षा कर सकते है।
(५) जब कोई गरीब आपसे पैसा मांगे तो कोशिश करें की उसको पैसा न दे बल्कि उसको कुछ खाने की चीज़ दे जिससे उसकी भूख शांत हो जाए।
(६) मदद हर उस इंसान की की जा सकती है जिसे हमारी सहायता की आवश्यकता है। किसी की मदद करते वक़्त उसके धर्म को नहीं देखना चाहिए।
इसी प्रकार से और भी हज़ारो तरीके होते है किसी की मदद करने के। सनातन धर्म के साथ-साथ विश्व के हर धार्मिक ग्रन्थ में ये बात साफ़ लिखी है की ईश्वर को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम माध्यम है दूसरो की सेवा करना। हर प्राणी में ईश्वर का निवास मानकर उसकी यथासंभव मदद करनी चाहिए।
दूसरो की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं ,दूसरो की बुराई करने से बड़ा कोई पाप नहीं।अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए क्योकि जहा सकरात्मक ऊर्जा का निवास होता है वही पर ईश्वर का निवास माना जाता है। जब हम किसी की मदद कर रहे होते है तब हमें ये सोचना चाहिए की भगवान् हमसे बहुत खुश है जो उसने हमें किसी की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है।
यदि हम इस प्रकार से अपने जीवन को जीते है तो हम अपनी आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हो सकते है।
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