दूसरो की गलतियों से सीखना चाहिए || सकारात्मक पहल ||

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हर कोई अपने जीवन में कभी न कभी कोई न कोई गलती जरूर करता है पर कोई भी इंसान उन गलतियों से कुछ सीखने की कोशिश नहीं करता है। हर इंसान को सिर्फ अपनी ही नहीं बल्कि दूसरो की गलतियों से भी सीखना चाहिए क्योकि दूसरो की गलतियों से सबक सीख कर हम अपने जीवन में वो गलतिया नहीं करेंगे। किसी ने सच कहा है की हर तरफ ज्ञान बट रहा है ,जहा से मिले उसे स्वीकार करना चाहिए।  
आपको एक छोटे से बच्चे के जीवन की घटना से समझने का प्रयत्न करते है ---
एक छोटा बच्चा था। वो रोज स्कूल जाता था और रोज उसे सज़ा देकर क्लास से बहार खड़ा कर दिया जाता था। उसकी गलती केवल इतनी थी की वो सवाल बहुत पूछता था और उसके सवालो का जवाब उसके अध्यापको के पास नहीं होता था। 
पर वो बच्चा कभी उदास नहीं होता था। क्योकि जब उसे सजा देकर क्लास से बहार कर दिया जाता था तब वो बच्चा किसी दूसरी क्लास में जाकर बैठ जाता था। जब किसी ने उससे पूछा की तुम दूसरी क्लास में जाकर क्यों बैठ गए तो उस बच्चे ने कहा की हर तरफ ज्ञान बट रहा है। जितना चाहो उतना प्राप्त  कर सकते हो। 
उस बच्चे की ये हरकत सही तो नहीं थी की किसी दुसरे की क्लास में जाकर बैठ जाना पर उस बच्चे का मंतव्य अच्छा था ज्ञान को प्राप्त करने का। अतः हम सबको उस बच्चे की इस गलती से सकारात्मक प्रेरणा लेनी चाहिए क्योकि ज्ञान का महत्व सिर्फ ज्ञानी ही समझता है। 
ज्ञान परमात्मा का दूसरा रूप है। ज्ञान ही दूसरी माता का स्वरुप है क्योकि दुसरे देश में ये ज्ञान ही हमें सम्मान दिलाता है और हमारी आजीवका का साधन बनता है। सिर्फ दुसरे देश में ही नहीं बल्कि अपने देश में , समाज में , घर में, हर जगह ये ज्ञान हमारी विशेष पहचान बनता है। 
आप सभी से प्रार्थनाहै की यदि ये सकरात्मकविचार आपको अच्छा लगा हो तो ऐसे शेयर जरूर करें। 
सकारात्मक पहल
|| धन्यवाद || 

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