ज्ञान एक अमूल्य रत्न

                     ज्ञान एक अमूल्य रत्न 
ज्ञान एक अमूल्य रत्न है जिसने खरीदा नहीं जा सकता, जिसे बेचा नहीं जा सकता क्योकि बुद्धि ,विवेक और ज्ञान को केवल कठिन परिश्रम से प्राप्त किया जा सकता है। ज्ञान का महत्व केवल उन लोगों के लिए होता है जिन्होंने ज्ञान प्राप्त करने के लिए अथक रूप से प्रयास किया है। जो ज्ञान के महत्व को कभी नहीं समाज पाया, उसने ज्ञान को भी कभी प्राप्त नहीं किया। 
ज्ञान बाजार में बेची जाने वाली चीज़ नहीं है। ज्ञान कड़ी मेहनत से प्राप्त किया जा सकता है। अगर कोई पूछता है कि धन और ज्ञान में क्या महत्वपूर्ण है? तो हम कह सकते हैं कि कमाई की कला केवल ज्ञान से प्राप्त की जाती है।

ज्ञान के बिना पैसा भी समाप्त हो जाता है, लेकिन यदि ज्ञान है तो इसके माध्यम से हम फिर से पैसे कमा सकते हैं। धन और ज्ञान का अपना महत्व है। जिस प्रकार ज्ञान के बिना धन होना संभव नहीं है ठीक उसी प्रकार से पैसे के बिना जीना संभव नहीं है। आध्यात्मिक प्रगति के लिए ,जीवन की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन और ज्ञान दोनों ही आवश्यक है।
ज्ञान और धन के बीच एक समानता है, कि वे दोनों उनके साथ रहते हैं जो उनका सम्मान करते हैं और उन्हें सही तरीके से उपयोग करते हैं।
हमारे धार्मिक ग्रंथों में यह लिखा गया है कि विदेश में, हमारा ज्ञान ही हमारी मां बनकर हमारी रक्षा करता हैइसलिए सही समय पर अध्ययन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि एक बार समय निकल जाने के बाद, शेष कुछ नहीं बचता केवल पश्चाताप के अश्रु ही रह जाते है।

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