सोच ही हमारी प्रगति की सूचक | Thinking is the indicator of our progress
सकारात्मक सोच से प्रगति | Indicator Of Our Progress
सकारात्मक सोच से व्यक्ति का विकास होता है और नकारात्मक सोच के कारण वह विनाश को प्राप्त होता है। सकारात्मक सोच एक शक्तिशाली मानसिकता है जो आपके जीवन को बदल सकती है, आपको सफलता, खुशी और समग्र कल्याण प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
सकारात्मक सोच के कुछ फ़ायदे:
सकारात्मक सोच आपको अपने जीवन के बारे में बेहतर निर्णय लेने और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकती है।
सकारात्मक सोच से आप यह महसूस करेंगी कि आपका शरीर और दिमाग काम के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के प्रति भी ज्यादा सजग हो गया है।
सकारात्मक सोच का मतलब कठिन परिस्थितियों से बचना नहीं है. इसके बजाय, सकारात्मक सोच का अर्थ है संभावित बाधाओं का अधिकतम लाभ उठाना, अन्य लोगों में सर्वश्रेष्ठ देखने की कोशिश करना और खुद को और अपनी क्षमताओं को सकारात्मक रोशनी में देखना।
सकारात्मक विचारक हमेशा लोगों के प्रति दयालु होते हैं और अपने या दूसरों के बारे में नकारात्मक बातें नहीं करते हैं।
सकारात्मक सोच वाले लोग तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना जानते हैं।
सकारात्मक सोच से बेहतर मुकाबला करने का कौशल होता है।
सकारात्मक सोच वाले लोग अधिक बार व्यायाम करने और स्वस्थ आहार लेने जैसी चीजें करके तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना जानते हैं।
दिमाग को पॉजिटिव कैसे रखें?
दिमाग को सकारात्मक रखने के लिए, ये बातें ध्यान में रखें:
- हमेशा अच्छा सोचें
- देखने का नज़रिया बदलें
- शिकायत न करें
- परेशानी के ऊपर फ़ोकस न करें
- हमेशा हंसते रहें
- एक्सरसाइज़ करें
- ध्यान करें
- दूसरों को प्रोत्साहित करें
- सकारात्मक आत्म-चर्चा का अभ्यास करें
- स्वयं के साथ सौम्य और प्रोत्साहक रहें
- अगर कोई नकारात्मक विचार आए, तो तर्कसंगत रूप से उसका मूल्यांकन करें
- उन चीज़ों के बारे में सोचें जिनके लिए आप अपने जीवन में आभारी हैं
- शांत वातावरण में बैठें
- डिबेट करने से बचें
- ज़्यादा न सोचें
- मेडिटेशन करें
- तुलना न करें
नकारात्मक सोच से दूर रहने के लिए, ये बातें ध्यान में रखें:
- हमेशा नकारात्मक भरी ज़िंदगी से दूर रहें
- हर परिस्थिति और मुश्किल में सकारात्मक सोचें
- हमेशा खुशियां दूसरों के साथ बांटें
- सकारात्मक सोच वाले लोगों से जुड़ कर रहें
- नकारात्मक विचारों को बदलें
- सोचने के बजाय लिखे
नकारात्मक विचार हमें ही नुकसान पहुंचाते हैं। नकारात्मक विचार एंजाइटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस जैसी बीमारियों के जनक कहे जाते है।
मन में नेगेटिव विचार क्यों आते हैं?
मन में नकारात्मक विचार आने की कुछ वजहें ये हो सकती हैं:
- अच्छी घटनाओं से ज़्यादा बुरी घटनाओं का असर दिमाग पर पड़ना
- नकारात्मकता को रक्षा तंत्र के रूप में इस्तेमाल करना
- उदास, क्रोधित या दूसरों के प्रति जलन महसूस करना
- भागदौड़ भरी ज़िंदगी
मनोवैज्ञानिक इसे नकारात्मकता पूर्वाग्रह कहते हैं. यह लोगों को अच्छी चीज़ों के ढेर में से एक बुरी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है।
सकारात्मक व्यक्ति कौन होते हैं?
- तुलना नहीं करते
- दूसरों को नीचा नहीं दिखाते
- हमेशा दूसरों की मदद और केयर करते हैं
- दूसरों से सर्वोत्तम इरादे ग्रहण करते हैं
- नकारात्मक विचारों पर कूद पड़ने और सबसे बुरा मानने के बजाय कार्यों की अधिक अनुकूल व्याख्या करते हैं
- अच्छे परिणाम की कल्पना कर सकते हैं
- हर घटना के उज्ज्वल पक्ष को देख सकने में समर्थ होते हैं
- अगर तनाव होता भी है तो उसका असर समग्र स्वास्थ्य पर नहीं पड़ने देते
- हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा सबको देते हैं
- हर चीज़ में मौके दिखते हैं
- लोगों से जुड़ने की हमेशा कोशिश करते हैं
सकारात्मक व्यक्तित्व के कुछ लक्षण:
भावनात्मक व्यक्तित्व लक्षण आपको अपनी और दूसरों की भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने और उन पर प्रतिक्रिया करने में मदद करते हैं। ये सकारात्मक दृष्टिकोण और समग्र कल्याण बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष:
हमारी सोच ही हमारी प्रगति की सूचक होती है। जब हमारी सोच अच्छी होती है तब हमारे दिमाग में नए और अद्भुत विचार आते है और हम नया सोच पाते है। समय प्रत्येक मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है क्योकि समय किसी के लिए नहीं रुकता। समय अपनी गति से निरंतर आगे बढ़ता रहता है। सही समय पर सही विचार आना और उस विचार को अपने कर्म में ढालना ही मनुष्य की सफलता का सूचक होता है।
हम सब अपने जीवन में कामयाब होना चाहते है पर कामयाबी हर किसी को नहीं मिलती। इसका कारण आत्मविश्वास और सकारात्मक विचार की कमी है। जब हम अच्छा सोचते है, सकारात्मक सोचते है तब हमारे आस-पास की ऊर्जा भी सकारात्मक हो जाती है और प्रकृति उस सकारात्मक ऊर्जा को हमारी तरफ भेज कर हमारे संकल्प को सिद्ध करने में हमारी मदद करती है। मनुष्य की प्रगति का सम्बंद उसके सकारात्मक रवैये से जुड़ा होता है अर्थात अगर मनुष्य सकारात्मक विचारो से परिपूर्ण है तो उसके रास्ते की हर बाधा को प्रकृति स्वयं दूर कर देती है।
सकारात्मक शक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने का सबसे अच्छा माध्यम, चिंतन करना होता है क्योकि जब हम योग के माध्यम से चिंतन और भजन करते है तब हम एक नयी ऊर्जा के साथ अपने कार्य को सफल करते हुवे जीवन की प्रगति की ओर अग्रसर होते है। अतः जीवन की प्रगति और सकारात्मक विचार का एक दूसरे से गहरा सम्बन्ध है।
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